डर भी ऐसा क्या?
कुछ दिन से भारतीय राजनीति फ़िर से गरमाई हुई है। लगता है कि मौसम का गर्मी तो गया लेकिन राजनीति की गर्मी उसकी जगह ले रहा है। भाई घटना ही कुछ ऐसी घटी है । मैं जानबूझकर घटना शब्द का इस्तेमाल कर रहा हूँ। घटना सोच विचार कर किया जाता है। और आज सीबीआई के अंदर कुछ यही हो रहा है। जो पहले साहेब के लिए मुख्य हथियार था आज उसी पर साहेब रात के दो बजे दस्तक़ देते है। अरे भाई हम संविधान...संविधान करते रहे और साहेब उसी पर चोट कर गए। आप सोचिये की रात के दो बजे ऐसी कौन सी फुलझड़ी झड़ने लगी थी जिसको साहेब रात के दो बजे सीबीआई हेडक्वार्टर जाके चुनना चाहते थे? अरे भाई सवाल तो करोगें न कि ऐसी कौन सी आफत आ गई थी जिसके वजह से साहेब की सत्ता खतरे में पर गई थी या फ़िर से पाकिस्तान ने हमला कर दिया था जिसके लिये साहेब को रात के दो बजे सीबीआई जाना पड़ता है। सुनने में आया है कि सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा राफेल पर कागज़ इकट्ठे कर रहे थे । सरकार से पूरा हिसाब मांगने वाले थे। कहीं यही तो मुख्य वजह तो नहीं जिसके वजह से साहेब रात के दो बजे सीबीआई पहुच गए। इसके अलावा मीडिया में सुनने को मिला कि रा...